पूनम आर्या ने अपने जन्मदिवस ११ फरवरी को अमरूद का पौधा लगाया था। उनके पौधे की कहानी, सुनिये उनकी ज़ुबानी..........
दो खेतों के बीच है।
नीबू के झुरमुट से देखो,
तो ये सजता खूब है।
वृक्ष मेरा अमरूद है॥
पूरब में छायी जब लाली,
गेहूँ में फूटी जब बाली।
मिट्टी से मूली ने झाँका,
वृक्ष मेरा अमरूद है॥
पालक, सोया, मेथी के संग,
लगा यहाँ पुदीना है।
मिर्ची के बगिया में देखो,
बैगन ताने सीना है।
लाल टमाटर को देखा तो,
वह मुस्काया खूब है।
वृक्ष मेरा अमरूद है॥
कल वहाँ एक कोयल आयी,
फूली सरसों ने ली अंगड़ाई।
इस मंजर को देख,
विहँसी अरहर खूब है।
वृक्ष मेरा अमरूद है॥
अगल-बगल मिट्टी की मेंढ़ी।
दूर-दूर तक खेतों में,
देखो अरहर का फूल है।
वृक्ष मेरा अमरूद है॥
-->टेढ़ी नदी सरयू की सहायक नदी है।
sunder prastuti,
ReplyDeletebahut bahut pyari lagi falon ,filon aur sabjiyon se ladi bagiya.
ReplyDeleteji karta hai inhi haritali ke beech baith kar unke sang baate karun.tan -man ko koi nki mahak se taro taza kar lun.
bahut hi sundar
poonam
सुन्दर प्रकृतिमय संवेदनाओं के साथ रची गयी रचना।
ReplyDeleteखुबसूरत एहसासों से रची रचना |
ReplyDeleteहर वृक्ष प्रकृति का उपहार है।
ReplyDeleteखुबसूरत सुन्दर
ReplyDeletehttp://shayaridays.blogspot.com
Good Excelent
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ReplyDeleteAccha laga kuch aur likho.
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