Thursday, February 17, 2011

पौधे की कहानी, पूनम आर्या की ज़ुबानी



पूनम आर्या ने अपने जन्मदिवस ११ फरवरी को अमरूद का पौधा लगाया था। उनके पौधे की कहानी, सुनिये उनकी ज़ुबानी..........

वृक्ष मेरा अमरूद है,
दो खेतों के बीच है।
नीबू के झुरमुट से देखो,
तो ये सजता खूब है।
वृक्ष मेरा अमरूद है॥
पूरब में छायी जब लाली,
गेहूँ में फूटी जब बाली।
मिट्टी से मूली ने झाँका,
महकी धनिया खूब है।
वृक्ष मेरा अमरूद है॥
पालक, सोया, मेथी के संग,
लगा यहाँ पुदीना है।
मिर्ची के बगिया में देखो,
बैगन ताने सीना है।
लाल टमाटर को देखा तो,
वह मुस्काया खूब है।
वृक्ष मेरा अमरूद है॥
कल वहाँ एक कोयल आयी,
फूली सरसों ने ली अंगड़ाई।
इस मंजर को देख,
विहँसी अरहर खूब है।
वृक्ष मेरा अमरूद है॥
दक्षिण में बहती है ‘टेढ़ी’,
अगल-बगल मिट्टी की मेंढ़ी।
दूर-दूर तक खेतों में,
देखो अरहर का फूल है।
वृक्ष मेरा अमरूद है॥


-->टेढ़ी नदी सरयू की सहायक नदी है।

9 comments:

  1. bahut bahut pyari lagi falon ,filon aur sabjiyon se ladi bagiya.
    ji karta hai inhi haritali ke beech baith kar unke sang baate karun.tan -man ko koi nki mahak se taro taza kar lun.
    bahut hi sundar
    poonam

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  2. सुन्दर प्रकृतिमय संवेदनाओं के साथ रची गयी रचना।

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  3. खुबसूरत एहसासों से रची रचना |

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  4. हर वृक्ष प्रकृति का उपहार है।

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  5. खुबसूरत सुन्दर

    http://shayaridays.blogspot.com

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  6. This comment has been removed by the author.

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