वृक्ष हमें फल देते हैं,हमसे कुछ नहीं लेते हैं,
खुशियाँ बाँटे, खुशियाँ पायें।
आओ मिलकर वृक्ष लगायें॥
तरु हमें छाया देते हैं,
हम इनको पानी देते हैं,
आओ इनकी संख्या बढ़ाये।
आओ मिलकर वृक्ष लगायें॥
जब धूप हमें लगती है,
जब गर्मी हमें सताती है,
हम इनके नीचे थका मिटायें।
आओ मिलकर वृक्ष लगायें॥
पीयूष
Sunder pryas ! piyush ko is nek kary hetu dheron shubhkaamnayen..........
ReplyDeleteबच्चे को पर्यावरण की इतनी चिंता करते देख कर ख़ुशी हुई. कविता सुन्दर सन्देश देती हुई सार्थक बन पड़ी है.
ReplyDeleteकविता सुन्दर सन्देश देती हुई सार्थक बन पड़ी है.
ReplyDeleteप्रकृति के प्रति गंभीर विचार
ReplyDeleteऔर बहुत अच्छी रचना ...
दोनों के लिए ढेरों अभिवादन .
बहुत सुंदर और प्रेरक रचना!
ReplyDelete--
पेड़ लगाकर भूल न जाना
pradushan ka nash karna jaroori hai ,aur ise pedh hi rok sakte hai .sundar .
ReplyDeleteपर्यावरण संबंधी प्रेरक रचना के लिए पीयूष को बधाई।
ReplyDeleteइस शमा को जलाए रखिए।
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दो दोहे
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यदि मानों तो वृक्ष हैं, अति सुशील संतान।
मूल्यों का हर हाल में, ये करते हैं मान॥
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अवगुण करते पूत के, प्राय: सपने खाक़।
किन्तु वृक्ष निज जनक की, करें न नीची नाक॥
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सद्भावी-डॉ० डंडा लखनवी
बहुत सुंदर और प्रेरक रचना!
ReplyDeleteआपको एवं आपके परिवार को होली की हार्दिक शुभकामनायें!
बहुत सुंदर और प्रेरक रचना!
ReplyDeleteआपको एवं आपके परिवार को होली की हार्दिक शुभकामनायें!
कविता सुन्दर सन्देश देती हुई सार्थक बन पड़ी है
ReplyDeleteआपको एवं आपके परिवार को होली की हार्दिक शुभकामनायें!
आपको एवं आपके परिवार को होली की हार्दिक शुभकामनायें!
ReplyDeleteबहुत बढ़िया सन्देश के साथ सुन्दर सार्थक प्रस्तुति ..
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