Monday, February 14, 2011

नन्हा पौधा

हरा हरा एक नन्हा पौधा ,
लगा मेरे उपवन में |
जिसे देख कर फूल ख़ुशी के
खिलते जाते मेरे मन में |
धूप यह खाता , पीता पानी
यही तो इसका दाना पानी |
बढ़ते बढ़ते बढ़ जायेगा
एक घना वृक्ष यह बन जायेगा |
किसी राह का थका मुसाफ़िर ,
इसके नीचे नींद चैन की सो जायेगा |


 -सुनील कुमार जी द्वारा प्रेषित 
http://sunilchitranshi.blogspot.com/


3 comments:

  1. अच्छी शुरुआत कार्य प्रशंसनीय है

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  2. जिसे देख कर फूल ख़ुशी के
    खिलते जाते मेरे मन में |
    प्रशंसनीय.................

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